കണക്ക് ഉത്തരങ്ങളും...................
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Thursday, 20 December 2012
ഫിസിക്സ് ഉത്തരങ്ങളിലേക്ക്..............
http://www.scribd.com/doc/117494190/%E0%B4%AB%E0%B4%BF%E0%B4%B8%E0%B4%BF%E0%B4%95%E0%B5%8D%E0%B4%B8%E0%B5%8D-x
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ഹിന്ദി ഉത്തരമാതൃക..........(2 term)
1. तालिका की पूर्ति 2
- पाठप्रोक्तिरचयितावह तो अच्छा हुआकविताभगवत रावतसकुबाईएकपात्र नाटकनादिरा ज़हीर बब्बरबाबूलाल तेली की नाककहानीस्वयं प्रकाशमहत् उद्देश्य की प्रतिमासाक्षात्कारआशा कृष्णकुमार
2. घटनाओं को क्रमबद्ध करके लिखना 2
- डौली माली के बच्चों के साथ खेलना पसंद करती है।
- डैनी कुत्तिया ने पिल्ले दिए।
- पिल्लों को गरम पानी में डुबोकर मरवा डाला।
- माली के बच्चे की मृत्यु हुई।
3. अंग्रंज़ी शब्दों के स्थान पर समानार्थी हिंदी शब्द 3
अस्पतालवालों की लापरवाही के कारण शल्यक्रिया के समय रोगी का
हाल बिगड़ गया। उसे गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती करनी पड़ी।
4. प्रो. डी. कुमार की विशेषताएँ- 2
- रोगियों के प्रति सहानुभूति रखनेवाला
- चिकित्सा के क्षेत्र में नैतिकता चाहनेवाला
5. नदियों को उनकी बुरी हालत से बचाने के लिए हमें प्रदूषण को रोकना
चाहिए। पानी के उपयोग पर नियंत्रण लाना है। नदियों से रेत
निकालना बंद करना चाहिए। नदियों के साथ ऐसा व्यवहार करना चाहिए
जिससे वे भविष्य के लिए और आनेवाली पीढ़ियों के लिए बाकी रहें। 2
(रेत निकालना : മണലൂറ്റുക, पीढ़ियाँ : തലമുറകള്)
6. रंतिदेव, कर्ण, दधीचि आदि त्याग, प्यार, ममता आदि के प्रतिरूप हैं।
हमें भी अपने समाज और मानव जाति के लिए सत्कार्य करने चाहिए।
रंतिदेव, दधीचि आदि के समान अमानवीय कार्य करने की क्षमता मुझमें
नहीं है। लेकिन मैं अपनी क्षमता के अनुसार समाज की भलाई के लिए
अच्छे कार्य करूँगा। मैं ऐसे काम करूँगा जिससे लोग मेरी मृत्यु के बाद
भी मेरी याद करें। (अमानवीय : അമാനുഷിക,क्षमता : ശേഷി) 2
7. ज़्यादातर परिवारों में लड़कों को ज़्यादा पढ़ने के अवसर दिए जाते हैं,
लड़कियों को नहीं। ऐसा पक्षपातपूर्ण व्यवहार केरल में कम दिखाई
पड़ता है। लड़कियों को पढ़ने के अवसरों से दूर रखना कभी भी ठीक
नहीं। लड़का हो या लड़की दोनों समान व्यवहार के हकदार हैं। 2
(हकदार : അവകാശികള്)
8. मेरी दुनिया, मेरा काम (डॉ. कुमार का आत्मकथांश) 4
नए साल का पहला दिन था। मेडिकोस भी आए। सब मेरी प्रतीक्षा
में थे। नए छात्रों के चेहरे पर घबराहट दिखाई पड़ती थी। उनसे मैंने बहुत-से
प्रश्न पूछे। नाम, पिता का नाम, शौक आदि। उनके सामने मैंने एक भाषण
दिया। अपने भाषण के द्वारा मेडिकोस से कहा- एक डॉक्टर के सामने वसुधा ही
कुटुंब है। देश, जाति, वर्ण, भाषा आदि का कोई भेदभाव डॉक्टरों को नहीं होना
चाहिए। इस पेशे से रोटी कमा सकते हैं, लेकिन धूमधाम की जिंदगी की उम्मीद
नहीं करनी चाहिए। लेक्चर हॉल के भाषण के बाद डिसेक्शन हॉल में भी मैंने भाषण
दिया। वहाँ मैंने छात्रों को यह समझाया कि लाशों के साथ आदर के साथ व्यवहार
करना चाहिए। चाकू चलाते समय ऐसी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि जीवित
व्यक्ति से करते हो। मैंने अपने भाषण से उनमें सेवाभाव, विश्वमानविकता आदि गुण
भरने का प्रयास किया। (सावधानी बरतना : ശ്രദ്ധയോടെ പെരുമാറുക)
9. डॉ. शांता की डायरी - कैंसर इनस्टिट्यूट में पहला दिन 4
स्थान:...................
तारीख:..................
आज मैं जल्दी उठकर तैयार हुई। नए पेशे में आज पहला दिन था। कैंसर
इन्स्टिट्यूट में डॉ. कृष्णमूर्ति के साथ काम करने का मैका। नया अस्पताल।
सुविधाएँ कम हैं। मैंने सरकारी काम का तिरस्कार किया है। मेरे परिवारवाले
मुझसे नाराज़ हैं। वे मुझे सरकारी नौकरी में देखना चाहते थे। यहाँ नई संस्था में
कुछ महीनों तक वेतन मिलने की संभावना भी नहीं। जो भी हो, मैं एक डॉक्टर का
कर्तव्य जानती हूँ। कैंसर से पीड़ित मरीज़ों की भलाई के लिए मैं अपना उच्चतम
प्रयास करूँगी।
(उच्चतम प्रयास : ഉത്തമ പരിശ്രമം)
10. सच्चे मानव के गुण (लघु लेख) 4
मानव एक सामाजिक प्राणी है। वह सृष्टि का श्रृंगार माना जाता है। क्योंकि
अन्य सभी प्राणियों से वह श्रेष्ठ है।
मानव में मानवीयता याने मनुष्यता होनी चाहिए। एक सामाजिक प्राणी
होने के नाते उसे अपने समाज के प्रति कुछ कर्तव्य निभाने चाहिए। मानव को
जानवरों के समान नहीं होना चाहिए। जानवर तो अपने लिए खाते हैं। दूसरों
के बारे में नहीं सोचते। मानव को अपने वंश याने जाति की भलाई के लिए काम
करना चाहिए। बहुत-से लोगों के निस्वार्थ परिश्रम से ही हमारा देश स्वतंत्र हुआ
था। यदि वे लोग अपने बारे में मात्र सोचते तो हमारा देश स्वतंत्र नहीं होता।
(सामाजिक प्राणि : സാമൂഹ്യ ജീവി)
हमें समाज के लिए मरने में भी हिचकना नहीं चाहिए। लेकिन हमारे
सत्कार्य के कारण हमारी मृत्यु के बाद भी लोग हमें याद करें। राष्ट्रकवि
मैथिलीशरण गुप्त के अनुसार जो व्यक्ति औरों की याने समाज की भलाई
के लिए जीते हुए मरता है उसकी मृत्यु सुमृत्यु होती है। सामाजिक भावना
पर बल देनेवाली यह कविता बिलकुल प्रासंगिक है। (हिचकना : മടിക്കുക)
कविता के आधार पर उत्तर
11. जीवन में प्यार की बड़ी ज़रूरत है। 1
12. उचित शीर्षक – प्यार की खुशबू 1
13. कविता का आशय 3
इस छोटी कविता के द्वारा रचनाकार ने प्यार के महत्व पर हमारा
ध्यान आकर्षित किया है।
फूलों में खुशबू होती है। इसीलिए बगीचों में हवा के साथ खुशबू बहती
रहती है। यह फूलों और बगीचों के प्रति आकर्षण बढ़ाता है। फूलों में जो खुशबू
है हम उसे सूँघ सकते हैं। लेकिन प्यार-भरे व्यवहार में जो खुशबू है उसका हम
अनुभव कर सकते हैं। जीवन में प्यार की बड़ी ज़रूरत है। हमारी सूरत कैसी
भी हो, प्यार की खुशबू होने पर हम बहुत सुंदर होते हैं। याने जिंदगी में प्यार
अनिवार्य है। (सूँघना : മണക്കുക)
समाज में प्यार और ममता अत्यंत आवश्यक है। उसके बिना समाज में
जीना भी मुश्किल होता है। अत: यह कवितांश अच्छा और प्रासंगिक है।
14. प्रकृति संरक्षण हमारा कर्तव्य है- पोस्टर 3
प्रकृति हमारी माँ है
वह हमारा रक्षा कवच है।
प्रकृति की रक्षा - हमारी रक्षा
हमारे भविष्य के लिए
आगामी पीढ़ियों के लिए
प्रकृति की रक्षा करें।
प्रकृति संरक्षण हमारा कर्तव्य है।
(आगामी पीढ़ी : വരും തലമുറ)
संशोधन
15. तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर बड़ी खुशी हुई। मेरी बधाइयाँ तुम्हारे साथ
होंगी। माताजी से मेरा नमस्ते कहना। 2
16. योजक का प्रयोग करके वाक्यों का पुनर्लेखन- 2
काफ़ी देर तक प्रतीक्षा करने पर भी वह नहीं आया, इसलिए मुझे
अकेले ही जाना पड़ा।
17. विशेषणों से खाली स्थान भरें- 2
मैंने उसको पहली बार देखा था। लाल आँखें, बिखरे बाल, विशाल
माथा, लंबा-चौड़ा शरीर, कठोर आवाज़। ऐसे आदमी को देखकर कौन
नहीं डरता। (बिखरे : ചിതറിയ)
गद्यांश के आधार पर उत्तर
18. 'गंभीर रोग' में 'गंभीर' विशेषण और 'रोग' संज्ञा है। 1
19. इसके = यह + के । यह सर्वनाम है। 1
20. टेटनस की बीमारी बैक्टीरिया से फैल जाती है। 1
21. संक्रामक बीमारियाँ मारक होती हैं। संक्रामक बीमारियों का असर
बच्चों पर ज़्यादा पड़ता है।विभिन्न प्रकार के कीटाणु, बैक्टीरिया,
वैरस आदि ऐसी बीमारियों के लिए कारण बनते हैं। इसलिए हमें
बच्चों को उनसे बचाना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार बीमारियों को
रोकनेवाली दवाएँ देनी भी चाहिए। (संक्रामक : പകരുന്ന) 2
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Wednesday, 12 December 2012
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